Shiv chaisa Options
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अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
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कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भक्त more info अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन